न्यूजीलैंड के क्राइस्टचर्च में दो मस्जिदों (अल-नूर और लिनवुड) पर हमला करने के आरोपी ऑस्ट्रेलियन नागरिक ब्रेंटन हैरिसन टैरेंट को दोषी करार दिया गया है। उसे 51 लोगों की हत्या, 40 लोगों की हत्या की कोशिश और आतंक फैलाने का दोषी ठहराया गया है। टैरेंट पर अभी सजा तय नहीं की गई है। पिछले साल हुए हमले में ब्रेंटन ने 51 लोगों की जान ले ली थी। इनमें 8 भारतीय भी थे।
15 मार्च 2019 को 28 साल के ब्रेंटन ने दो मजिस्दों में नमाज के दौरान बैठे लोगों को पर अंधाधुंध गोलियां चलाई थीं। उसे हमले के 21 मिनट बाद पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। टैरेंट ने इस नरसंहार का फेसबुक पर लाइव वीडियो जारी किया था, जो वायरल होकर एक अन्य सोशल मीडिया पर भी देखा गया था। इस हमले ने देश के पूरे मुस्लिम समुदाय को हिलाकर रख दिया था, जिसके बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय और स्थानीय लोगों ने प्रभावितों के साथ एकजुटता दिखाई थी। तब प्रधानमंत्री जेसिंडा आर्डर्न ने गन कानून में बदलाव करने की बात कही थी। हमले के दौरान 50 से ज्यादा लोग जख्मी भी हुए थे। इसमें बांग्लादेश क्रिकेट टीम के खिलाड़ी भी बाल-बाल बच गए थे।
टैरेंट फिटनेस इंस्ट्रक्टर था
पुलिस ने जब टैरेंट को पहली बार कोर्ट में पेश किया तो वह पूरे समय मुस्कुरा रहा था। कुछ देर बाद मीडिया के सामने भी हंसकर उसने सबकुछ ठीक होने का इशारा किया था। टैरेंट आतंकी बनने से पहले फिटनेस इंस्ट्रक्टर था। कोर्ट में उसने खुद को फासिस्ट बताया और जमानत के लिए आग्रह भी नहीं किया था।
फैसले से पीड़ित परिवारों को राहत
टैरेंट के मामले पर जून में सुनवाई होनी थी, लेकिन कोर्ट ने 4 हफ्ते के लॉकडाउन के बावजूद तुरंत सुनवाई का फैसला लिया। इसमें टैरेंट जेल से ही वीडियो लिंक के जरिए शामिल हुआ था। टैरेंट को दोषी करार दिए जाने से पीड़ित परिवारों ने खुशी जताई है।